रश्मिका मंदाना के खिलाफ एक डीपफेक वीडियो के वायरल होने से भारतीय सरकार ने गंभीरता से संज्ञान लिया है और केंद्रीय आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस मुद्दे पर आवाज उठाई है।

डीपफेक वीडियो का वायरल होना एक गंभीर समस्या है जो साइबर सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है, और इसे नियमों के तहत नियंत्रित किया जाना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने इस मामले में सरकार की पकड़ को मजबूत करने का संकेत दिया है और कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार इंटरनेट का उपयोग करने वाले सभी डिजिटल नागरिकों की सुरक्षा करने के लिए पूरी तरह समर्थ है।

वे इस मामले में डीपफेक वीडियो को “अधिक खतरनाक” मानते हैं, जो एक व्यक्ति की छवि को अनधिकृत तरीके से उपयोग करके बिगाड़ सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आईटी नियमों के तहत प्लेटफॉर्म को इसके खिलाफ कठिन कार्रवाई करनी होगी।

इस मुद्दे पर कार्रवाई करने के लिए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री ने यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि प्लेटफ़ॉर्म को एक कानूनी दायित्व अदा करना होगा।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स से यह मांग की है कि वे सुनिश्चित करें कि कोई भी यूजर गलत सूचना पोस्ट नहीं करता है। दुसरे शब्दों में, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स से यह आग्रह किया है कि वे अपने उपयोगकर्ताओं को सजाग रहने की सलाह दें और गलत सूचना को प्रोत्साहित करने के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।

उन्होंने आगे बताया कि जब कोई यूजर या सरकार गलत सूचना की रिपोर्ट करता है, तो प्लेटफ़ॉर्म को उसे 36 घंटों में हटा देना चाहिए। यह उनका कानूनी दायित्व है और इसका पालन करना चाहिए। अगर प्लेटफ़ॉर्म इसका पालन नहीं करते हैं, तो आईपीसी के प्रावधानों के तहत पीड़ित व्यक्ति प्लेटफ़ॉर्म के खिलाफ अदालत मे

By sd news

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