भाई दूज 2023 की तारीख: इस बार भाई दूज का पर्व दिवाली के बाद, 15 नवंबर को मनाया जाएगा।

दिवाली का उत्सव पांच दिनों का है और इस बार तिथियों के बदलने के कारण भाई दूज की तिथि बदल गई है। गोवर्धन पूजा के दिन, 14 नवंबर, यह पर्व मनाया जाना था, लेकिन इस बार यह 15 नवंबर को होगा।

मथुरा विश्राम घाट पर इस दिन, यानी भैया दूज के दिन, भाई-बहन एक-दूसरे के हाथ पकड़कर यमुना में डुबकी लगाएंगे, इसके बाद वे यमुना-धर्मराज मंदिर में पूजा करेंगे और अपनी मनोकामनाएं मांगेंगे।

यम द्वितीया का यह पर्व अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जहां लाखों श्रद्धालु इस दिन स्नान करने के बाद मंदिर में आते हैं और यमुना धर्मराज मंदिर की दर्शन करते हैं। इस पर्व पर, भाई-बहन एक दूसरे को टीका लगाकर दीर्घायु की कामना करते हैं।

इस दिन का महत्व ऐतिहासिक कथाओं से जुड़ा हुआ है। सूर्य नारायण और संध्या की संतान यम-यमी को भाई-बहन का पर्व मनाया जाता है। भगवान यमुना द्वारा सत्ययुग में की गई तपस्या के बाद संतुष्ट होकर ने वचन दिया कि उन्हें द्वापर में श्रीकृष्ण के रूप में अवतरित होने का सौभाग्य होगा। इसी कारण से भी भगवान यम को धर्मराज कहा जाता है।

इस पवित्र दिन पर, भाई धर्मराज और उनकी बहन यमुना की मुलाकात का विवरण भी है, जिसमें यमुना ने भाई का स्वागत सत्कार से किया और उन्हें विशेष पूजन किया। धर्मराज ने इस मौके पर अपनी बहन से वर मांगा, जिसे उन्होंने हाथ पकड़कर स्वीकार किया।

इस रूप में, भाई दूज एक परिवारिक और धार्मिक उत्सव है जो भाई-बहन के प्यार और आपसी संबंध को समर्पित है।

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